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नोएल टाटा को 11 अक्टूबर, 2024 को टाटा ट्रस्ट्स का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। यह फैसला उनके सौतेले भाई रतन टाटा के निधन के बाद लिया गया। नोएल टाटा, जो कि टाटा समूह में चार दशकों से जुड़े हुए हैं, ने कंपनी के वैश्विक संचालन और खुदरा क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने ट्रेंट लिमिटेड को एक छोटे स्टोर से एक बड़ी खुदरा श्रृंखला में बदलने में सफलता हासिल की। इसके अलावा, वह टाटा इंटरनेशनल और टाटा स्टील जैसी कंपनियों में भी नेतृत्वकारी भूमिका निभा चुके हैं।
नोएल टाटा का परिवार भी टाटा समूह से गहरे रूप से जुड़ा है, उनकी पत्नी अलू मिस्त्री, पल्लोनजी मिस्त्री की बेटी हैं, और उनके बच्चे भी समूह के विभिन्न संगठनों में शामिल हैं।
नोएल टाटा की शैक्षणिक योग्यता काफी प्रभावशाली है। उन्होंने ब्रिटेन के ससेक्स विश्वविद्यालय (Sussex University) से स्नातक किया है। इसके बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी कार्यक्रम (International Executive Programme) पूरा किया, जो कि INSEAD, फ्रांस के एक प्रतिष्ठित वैश्विक बिजनेस स्कूल से है। इन योग्यताओं के साथ-साथ, उनका चार दशकों का व्यावसायिक अनुभव टाटा समूह में कई नेतृत्वकारी पदों पर कार्य करते हुए मिला है, जिससे उन्होंने बड़ी कंपनियों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है।
नोएल टाटा का जन्म 1957 में हुआ था, और उनकी उम्र अक्टूबर 2024 तक लगभग 67 वर्ष है।
नोएल टाटा का परिवार:
- पिता: नेवल टाटा (Naval Tata), जो टाटा परिवार का एक प्रमुख सदस्य थे।
- मां: सिमोन टाटा (Simone Tata), जिनका भी टाटा समूह से गहरा नाता है।
- सौतेले भाई: रतन टाटा, जो टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन थे।
- पत्नी: अलू मिस्त्री (Aloo Mistry), जो पल्लोनजी मिस्त्री की बेटी हैं। पल्लोनजी मिस्त्री टाटा संस में सबसे बड़े व्यक्तिगत शेयरधारक थे।
- बच्चे:
- नेविल टाटा (Neville Tata): ट्रेंट में कार्यरत हैं और स्टार बाज़ार का प्रभार संभालते हैं।
- लेआ टाटा (Leah Tata): इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड में उपाध्यक्ष हैं।
- माया टाटा (Maya Tata): टाटा कैपिटल से जुड़ी हुई हैं
नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं और उन्होंने टाटा समूह के विभिन्न क्षेत्रों में चार दशकों तक काम किया है। ..ऐसी ही न्यूज़ पढ़ने के लिए indianewstv.in पर क्लिक करे। … वे ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन रहे हैं और टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उनकी रणनीतिक सोच और नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, जो टाटा समूह के लिए एक नए युग की शुरुआत है।
