रूस की नई परमाणु नीति को लेकर हालिया बयान ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है, खासकर तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को लेकर। दिमित्री मेदवेदेव, जो रूसी फेडरेशन की सुरक्षा परिषद के डिप्टी चेयरमैन और पूर्व राष्ट्रपति हैं, ने अपने बयान में संकेत दिया है कि रूस की परमाणु नीति में बदलाव का मतलब यह हो सकता है कि रूस अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आक्रामक तरीके अपनाने को तैयार है।
रूस की नई परमाणु नीति के मुख्य बिंदु:
- पहले हमला करने का संकेत: नई नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि अगर रूस को अपनी संप्रभुता और अस्तित्व पर खतरा महसूस होता है, तो वह परमाणु हथियारों का उपयोग पहले कर सकता है। यह “नो फर्स्ट यूज” (पहले उपयोग न करने) की पारंपरिक नीति के विपरीत है।
- सामरिक तनाव का बढ़ना: मेदवेदेव ने यह भी कहा कि रूस को अपनी रणनीतिक सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने होंगे, जो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल तक जा सकते हैं।
- नाटो और पश्चिम से बढ़ते तनाव: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते नाटो और रूस के बीच पहले से ही तनाव बढ़ा हुआ है। इस नई नीति से यह स्पष्ट होता है कि रूस पश्चिमी सैन्य गठजोड़ को एक बड़े खतरे के रूप में देख रहा है।

तीसरे विश्व युद्ध की आशंका क्यों बढ़ी?
- गलत अनुमान का खतरा: जब कोई देश “पहले इस्तेमाल” की नीति अपनाता है, तो गलतफहमी या सैन्य कार्रवाइयों की गलत व्याख्या से संघर्ष बढ़ सकता है।
- पारंपरिक और परमाणु युद्ध के बीच की रेखा धुंधली होना: अगर कोई देश अपनी पारंपरिक सैन्य असफलताओं को परमाणु हमले से संतुलित करने की सोचता है, तो यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है।
- वैश्विक स्तर पर हथियारों की दौड़: इस नीति से दूसरे देशों, विशेष रूप से नाटो सदस्यों और एशियाई शक्तियों (जैसे चीन और भारत) को भी अपनी रणनीतियों में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे हथियारों की होड़ तेज होगी।
पुतिन के फैसले के मायने
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस नीति को रूस की सुरक्षा सुनिश्चित करने और पश्चिमी दबाव का सामना करने के एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में देख रहे हैं। यह कदम दिखाता है कि रूस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव झेलने के बजाय आक्रामक रुख अपनाने के लिए तैयार है।Indianewstv.in
वैश्विक प्रतिक्रिया
- नाटो का रुख: नाटो ने इसे एक उकसावे भरा कदम बताया है और अपने सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
- संयुक्त राष्ट्र की चिंता: संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों ने इस नीति को खतरनाक बताते हुए इसके खिलाफ चेतावनी दी है, क्योंकि यह परमाणु हथियारों के उपयोग को और सामान्य बना सकता है।
- भारत और चीन जैसे देशों की भूमिका: भारत और चीन जैसे देशों को Indianewstv.in भी इस नीति के चलते अपने कूटनीतिक और सैन्य समीकरण पर पुनर्विचार करना होगा।
रूस की यह नई नीति वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ी चुनौती है। यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे गंभीरता से नहीं लेता, तो यह कदम तीसरे विश्व युद्ध की दिशा में बढ़ सकता है। Indianewstv.in
