शुगर के (डायबिटीज ) मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। यह स्थिति मुख्य रूप से लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड शुगर के कारण होती है, जो दिल की धमनियों में प्लाक जमने, सूजन, और रक्त प्रवाह बाधित करने का कारण बन सकती है।
कारण:
- हाई ब्लड शुगर: लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा स्तर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
- कोलेस्ट्रॉल का असंतुलन: डायबिटीज से लिपिड प्रोफाइल बिगड़ सकती है, जिससे एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) बढ़ता और एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) घटता है।
- उच्च रक्तचाप: डायबिटीज वाले व्यक्तियों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आम है, जो हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- माइक्रोवैस्कुलर डैमेज: डायबिटीज छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे दिल की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
जोखिम को कम करने के उपाय:
- ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें: डॉक्टर द्वारा सुझाए गए आहार और दवाओं का पालन करें।
- हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखें: नियमित व्यायाम और हेल्दी डायट अपनाएं।
- स्मोकिंग और अल्कोहल से बचें: ये आदतें हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
- नियमित जांच: ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की नियमित जांच करवाएं।
डायबिटीज वाले मरीजों को हार्ट अटैक से बचाव के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। समय पर परामर्श और जीवनशैली में सुधार इस जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है।
डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह मुख्यतः टाइप 2 डायबिटीज के कारण होता है, जो हृदय रोगों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
खतरे क्यों बढ़ रहे हैं?
- उच्च रक्तचाप: डायबिटीज और उच्च रक्तचाप का संयोजन हृदय और धमनियों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
- अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल स्तर: डायबिटीज से खराब (LDL) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ सकते हैं, जबकि अच्छे (HDL) कोलेस्ट्रॉल का स्तर घट सकता है, जो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।
- मोटापा: डायबिटीज और मोटापा अक्सर साथ चलते हैं। मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाता है और हृदय रोगों का कारण बनता है।
- भौतिक गतिविधि की कमी: कम शारीरिक गतिविधि डायबिटीज और हृदय रोग दोनों को बढ़ावा देती है।
- धूम्रपान: यह खतरा और भी बढ़ा देता है, भले ही व्यक्ति को डायबिटीज हो या न हो।
कैसे बचाव करें?
- जीवनशैली में सुधार: नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार से डायबिटीज और हार्ट अटैक दोनों का खतरा कम किया जा सकता है।
- शुगर लेवल का नियंत्रण: ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने से हृदय रोगों का खतरा घट सकता है।
- धूम्रपान छोड़ें: यह हृदय और फेफड़ों की सेहत के लिए अनिवार्य है।
- डॉक्टर की सलाह लें: नियमित चेकअप कराना और जरूरी दवाएं लेना अहम है।
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ब्लड शुगर और हार्ट अटैक से बचने के लिए डॉक्टर हार्ट ब्लड का इस्तमाल करें, डॉक्टर हार्ट ब्लड को मंगाने के लिए कॉल करें +91 8171771709
हाल ही के अध्ययनों के अनुसार, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और मोटापे की बढ़ती दरें हृदय रोगों के मामलों को आने वाले वर्षों में कई गुना बढ़ा सकती हैं। इसे रोकने के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बेहद जरूरी है।

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