ब्लड प्रेशर बढ़ने से भी ज्यादा खतरनाक है लो बीपी जा सकती है जान
कम ब्लड प्रेशर के लक्षण कारण और तुरंत क्या करें जानिए पूरी जानकारी
लो ब्लड प्रेशर यानी हाइपोटेंशन को अक्सर लोग गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन यह हाई बीपी से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। जब ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी कम हो जाता है तो शरीर के जरूरी अंगों तक पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, जिससे हार्ट, किडनी और ब्रेन जैसे अंग प्रभावित हो सकते हैं। अगर सही समय पर इलाज न मिले तो जान का खतरा भी हो सकता है। इसलिए लो बीपी को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।
कैसे पहचानें लो बीपी के लक्षण?
लो ब्लड प्रेशर में सबसे पहले शरीर में कमजोरी महसूस होती है। चक्कर आना, धुंधला दिखना, सिर में हल्का दर्द, दिल की धड़कन तेज या अनियमित होना, बेहोशी जैसा महसूस होना, मतली आना, पसीना आना, त्वचा का ठंडा और पीलापन भी इसके लक्षण हो सकते हैं। कई बार मरीज अचानक गिर जाता है, जिससे चोट लगने का भी खतरा बढ़ जाता है।
लो बीपी के कारण क्या हैं?
लो बीपी के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे—
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डीहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी
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हार्ट डिजीज या हार्ट फेलियर
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प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव
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हार्मोनल डिसऑर्डर जैसे एडिसन डिजीज
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सेप्सिस यानी गंभीर इंफेक्शन
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खून की कमी (एनीमिया)
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कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट जैसे डाइयूरेटिक, एन्टी डिप्रेसेंट आदि
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अचानक उठने पर ब्लड प्रेशर गिर जाना (ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन)
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ब्लीडिंग या गंभीर चोट में खून का बहाव
लो बीपी के जोखिम किन्हें ज्यादा?
बुजुर्ग, हार्ट या किडनी के मरीज, गर्भवती महिलाएं, ज्यादा समय तक बेड रेस्ट करने वाले लोग, या जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है, उन्हें लो बीपी का खतरा ज्यादा रहता है।
क्या करें लो बीपी होने पर?
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मरीज को तुरंत सपाट जगह पर लिटाकर पैरों को ऊंचा करें, जिससे खून का प्रवाह ब्रेन तक बढ़ सके।
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तुरंत थोड़ा नमकीन पानी पिलाएं या ओआरएस घोल दें।
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ब्लड प्रेशर मॉनिटर करें। अगर लो बीपी की स्थिति लगातार बनी रहे या मरीज बेहोश हो जाए तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं और नियमित जांच जरूरी है।
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रेगुलर पानी पीते रहें, डाइट में नमक की मात्रा संतुलित रखें, लंबे समय तक भूखे न रहें।
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अचानक खड़े होने से बचें, धीरे-धीरे उठें।
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डॉक्टर से परामर्श लेकर कॉम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहन सकते हैं, इससे पैरों में खून का जमाव कम होगा और बीपी स्थिर रहेगा।
क्या ना करें?
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मरीज को खड़े रहने या चलने न दें जब तक बीपी नॉर्मल न हो जाए।
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खुद से दवा बदलना या बढ़ाना नुकसानदायक हो सकता है।
कब है इमरजेंसी?
अगर लो बीपी के साथ बेहोशी, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, तेज धड़कन, उल्टी या दौरे पड़ने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत इमरजेंसी में ले जाएं। ये लाइफ-थ्रेटनिंग स्थिति का संकेत हो सकते हैं।
कैसे बचाव करें?
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संतुलित और हेल्दी डाइट लें जिसमें पर्याप्त नमक और पानी शामिल हो।
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रेगुलर एक्सरसाइज करें ताकि ब्लड सर्कुलेशन सही रहे।
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शराब या अत्यधिक कैफीन से बचें।
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अगर कोई दवा लो बीपी का कारण बन रही हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
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ब्लड प्रेशर को नियमित जांचते रहें, खासकर अगर पहले भी लो बीपी की समस्या रही हो।
लो ब्लड प्रेशर को हल्के में लेना भारी गलती हो सकती है। इसके लक्षण पहचानते ही समय पर कदम उठाएं और डॉक्टर की सलाह से ही इलाज करें। सही समय पर इलाज मिलने से जान बचाई जा सकती है और गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है।
