दिल्ली मेट्रो में यात्रा के दौरान यदि किसी यात्री को दिल का दौरा पड़ता है, मेट्रो में नहीं मिलेगी जीवनरक्षक एईडी की सुविधा, वर्तमान में स्वचालित बाहरी डिफिब्रिलेटर (AED) जैसी जीवनरक्षक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। हाल ही में बल्लभगढ़ के एक एमबीबीएस छात्र मयंक की मेट्रो यात्रा के दौरान हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी, जिससे यह मुद्दा चर्चा में आया है।
दिल्ली मेट्रो में AED की अनुपलब्धता के संभावित कारण:
- लागत और रखरखाव: AED उपकरणों की स्थापना और नियमित रखरखाव में उच्च लागत आती है, जो बड़े नेटवर्क वाले परिवहन प्रणालियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- प्रशिक्षित कर्मियों की कमी: AED का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। प्रशिक्षित कर्मियों की कमी के कारण इन उपकरणों का सही समय पर उपयोग संभव नहीं हो पाता।
- उपकरणों की सुरक्षा: सार्वजनिक स्थानों पर उपकरणों की सुरक्षा और उनके दुरुपयोग को रोकना एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।
वर्तमान में उपलब्ध आपातकालीन सेवाएं:
दिल्ली मेट्रो में आपात स्थिति के लिए प्राथमिक चिकित्सा किट और प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध हैं, जो आवश्यकतानुसार त्वरित सहायता प्रदान करते हैं। हालांकि, गंभीर हृदय संबंधी आपात स्थितियों में उन्नत चिकित्सा उपकरणों की अनुपलब्धता चिंता का विषय है।
भविष्य की संभावनाएं:
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर AED जैसी जीवनरक्षक सुविधाओं की स्थापना पर विचार करना चाहिए। इसके लिए बजट आवंटन, स्टाफ प्रशिक्षण, और उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित रणनीतियों की आवश्यकता होगी।
निष्कर्ष:
दिल्ली मेट्रो में वर्तमान में AED जैसी जीवनरक्षक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, जो आपातकालीन हृदय स्थितियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए DMRC को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
