दिवाली का त्योहार भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और इसे रोशनी और खुशी का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस उत्सव के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि यह सुरक्षित और सुखद रहे। यहाँ दिवाली पर क्या करें और क्या न करें इसका सुझाव दिया गया है:
क्या करें:
- सुरक्षित पटाखों का उपयोग करें: अगर पटाखे जलाने का विचार है, तो कम ध्वनि और कम प्रदूषण वाले पटाखों का चयन करें और बच्चों को उनसे दूर रखें। हमेशा खुले स्थान पर पटाखे जलाएं और पानी का इंतजाम पास में रखें।
- दिया और मोमबत्ती का प्रयोग करें: घर को सजाने के लिए दीयों और मोमबत्तियों का प्रयोग करें। यह पारंपरिक भी है और बिजली की बचत करने का एक अच्छा तरीका भी है।
- प्राकृतिक रंगोली बनाएं: रासायनिक रंगों की बजाय फूलों और हल्दी, चावल, या चूने से रंगोली बनाएं, जो पर्यावरण के लिए अनुकूल है।
- सामाजिक दूरी और साफ-सफाई का ध्यान रखें: विशेषकर अगर सार्वजनिक स्थानों पर दिवाली मना रहे हैं, तो कोविड-19 जैसी बीमारियों से बचाव के लिए मास्क पहनें और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- दान और जरूरतमंदों की मदद करें: इस अवसर पर जरूरतमंदों को दान देना या उनकी मदद करना अच्छे कर्मों में आता है। यह दिवाली को और अधिक विशेष बना सकता है।

क्या न करें:
- अवैध पटाखों का प्रयोग न करें: बिना लाइसेंस वाले या अवैध पटाखे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इनके उपयोग से बचें।
- प्लास्टिक सजावट का उपयोग न करें: प्लास्टिक की सजावट पर्यावरण के लिए हानिकारक होती है। इसके बजाय कागज, कपड़े या अन्य बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग करें।
- जानवरों को न डराएं: पटाखों के शोर से जानवर बहुत डरते हैं। इसलिए उनके आसपास पटाखे जलाने से बचें और उनके लिए सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करें।
- तेल के दिए जलाते समय लापरवाही न करें: दीये जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वे सुरक्षित स्थान पर हों, जिससे आग लगने का खतरा न हो। बच्चों को दिए या मोमबत्तियों से दूर रखें।
- अतिरिक्त ध्वनि प्रदूषण न करें: लाउडस्पीकर या तेज संगीत से ध्वनि प्रदूषण होता है, जो दूसरों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। त्योहार की खुशी में दूसरों की सुविधा का भी ध्यान रखें।
इन बातों का ध्यान रखते हुए आप दिवाली को एक सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल और आनंददायक तरीके से मना सकते हैं। इससे न केवल आपकी, बल्कि आपके आस-पास के सभी लोगों की दिवाली का आनंद दुगना हो जाएगा।
