गोपाल खेमका हत्याकांड के दूसरे आरोपी का एनकाउंटर
जादोपुर में पुलिस से मुठभेड़ के दौरान जवाबी फायरिंग में मारा गया आरोपी बबलू साहनी, घटनास्थल से हथियार बरामद
गोपालगंज, बिहार – चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड में फरार चल रहे दूसरे आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। यह मुठभेड़ सोमवार देर रात जिले के जादोपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई, जहां पुलिस को आरोपी के छिपे होने की सूचना मिली थी। जैसे ही पुलिस ने इलाके को घेरा और आत्मसमर्पण की चेतावनी दी, आरोपी ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
मुठभेड़ की पूरी घटना
पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान बबलू साहनी के रूप में हुई है, जो गोपाल खेमका हत्याकांड का दूसरा मुख्य आरोपी था। बबलू पिछले कई दिनों से फरार था और पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। सोमवार रात गुप्त सूचना पर पुलिस की एक विशेष टीम ने उसे पकड़ने के लिए छापेमारी की। पुलिस के पहुंचते ही बबलू ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटनास्थल से बरामद हुए हथियार
पुलिस ने बताया कि एनकाउंटर स्थल से एक देसी पिस्टल, कारतूस और एक बाइक बरामद हुई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि बबलू बीते कुछ दिनों से जादोपुर इलाके में ही छिपा हुआ था और लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। पुलिस की टीमें उसके मोबाइल लोकेशन और मुखबिरों की मदद से उस तक पहुंची थीं।
पहले आरोपी की गिरफ्तारी के बाद खुलासा
इससे पहले इस हत्याकांड के पहले आरोपी विक्रम यादव को पुलिस ने पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था। पूछताछ में विक्रम ने कबूल किया था कि हत्या की साजिश दोनों ने मिलकर रची थी और घटना को अंजाम देने के बाद अलग-अलग दिशाओं में फरार हो गए थे। पुलिस ने विक्रम की निशानदेही पर ही बबलू की तलाश तेज कर दी थी।
क्यों की गई थी गोपाल खेमका की हत्या?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, व्यवसायिक दुश्मनी और जमीन के लेन-देन को लेकर विवाद इस हत्या की मुख्य वजह थी। गोपाल खेमका जिले के जाने-माने व्यापारी थे और उनका स्थानीय स्तर पर अच्छा रसूख था। हत्या के बाद जिले में दहशत फैल गई थी और प्रशासन पर जल्द कार्रवाई का दबाव था।
पुलिस का बयान
गोपालगंज एसपी अभिनव धीमान ने बताया, “हमारी टीम ने लगातार अभियुक्तों की तलाश की। पहले आरोपी को हमने गिरफ्तार कर लिया था और दूसरे आरोपी को पकड़ने की कोशिश के दौरान मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई। यह कार्रवाई पूरी तरह नियमानुसार और आत्मरक्षा में की गई।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस एनकाउंटर के बाद विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा है। राजद और कांग्रेस ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। वहीं, भाजपा नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई को जायज ठहराया है और कहा है कि कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऐसे सख्त कदम जरूरी हैं।
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब इस केस से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच कर रही है, जिसमें हत्या की साजिश में और कौन-कौन लोग शामिल थे, इसका पता लगाया जा रहा है। मृतक बबलू के फोन रिकॉर्ड और सोशल मीडिया गतिविधियों को खंगाला जा रहा है ताकि नेटवर्क का पूरा खुलासा हो सके।
गोपाल खेमका हत्याकांड ने एक बार फिर बिहार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई से प्रशासन ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।
