प्रदेश में बड़े पैमाने पर डॉक्टरों का तबादला
सेवाओं में सुधार के लिए सरकार की बड़ी कार्रवाई, 25 सिविल सर्जनों समेत सैकड़ों डॉक्टरों का स्थानांतरण
प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर डॉक्टरों और सिविल सर्जनों का तबादला किया है। इस फेरबदल की सूची में कई जिलों के सिविल सर्जनों सहित सैकड़ों चिकित्सा अधिकारियों के नाम शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी इस आदेश के बाद संबंधित जिलों में प्रशासनिक हलचल बढ़ गई है।
तबादले का उद्देश्य
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह तबादला प्रक्रिया नियमित प्रशासनिक कदम है, जिसका उद्देश्य चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना और जिलेवार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों की अदला-बदली कर ताजगी और निष्पक्षता को बढ़ावा दिया जाए।
कौन कहां भेजा गया?
तबादले की सूची में प्रमुख रूप से 25 सिविल सर्जनों के नाम सामने आए हैं जिन्हें एक जिले से दूसरे जिले में भेजा गया है। इनके अलावा सैकड़ों सीनियर मेडिकल ऑफिसर, डेंटल सर्जन, जनरल फिजिशियन, गायनेकोलॉजिस्ट, पेडियाट्रिशियन और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों का भी स्थानांतरण किया गया है।
कुछ प्रमुख तबादले इस प्रकार हैं:
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डॉ. सीमा त्रिपाठी, सिविल सर्जन, गोरखपुर से स्थानांतरित होकर वाराणसी भेजी गईं।
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डॉ. अमरेंद्र सिंह, सिविल सर्जन, बरेली से प्रयागराज में पदस्थापित।
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डॉ. राजीव मल्होत्रा, कानपुर से आगरा में नए सिविल सर्जन बने।
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डॉ. सुनीता यादव, झांसी से स्थानांतरित होकर लखनऊ में तैनात की गईं।
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डॉ. नवीन गुप्ता, सिविल सर्जन, मेरठ से गाज़ियाबाद भेजे गए।
इसी तरह, मेडिकल कॉलेजों में भी फैकल्टी स्तर पर कई डॉक्टरों का तबादला किया गया है। इन तबादलों से यह संकेत मिल रहा है कि सरकार मेडिकल व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर है और सिस्टम को पारदर्शी बनाना चाहती है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
तबादला सूची के जारी होते ही कई अधिकारियों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ डॉक्टरों ने इस फैसले को स्वागत योग्य बताया तो कुछ ने कहा कि अचानक तबादले से कामकाज पर असर पड़ेगा। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि तबादले पूर्णत: योग्यता और प्रशासनिक जरूरतों के आधार पर किए गए हैं, किसी प्रकार की पक्षपात की कोई गुंजाइश नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा,
“स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना हमारी पहली प्राथमिकता है। डॉक्टरों के तबादले उसी दिशा में उठाया गया कदम है। इससे दूरदराज के जिलों में विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर बनेंगी।”
मरीजों पर क्या असर?
इन तबादलों से मरीजों को बेहतर और त्वरित इलाज मिलने की संभावना है, विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में जहां वर्षों से विशेषज्ञों की कमी थी। राज्य सरकार की मंशा है कि हर जिले में न्यूनतम चिकित्सकीय ढांचा सुनिश्चित हो।
विरोध की भी हलचल
हालांकि कुछ स्थानों से विरोध के स्वर भी उठे हैं, जहां स्थानीय लोगों ने डॉक्टरों की सेवाओं की सराहना करते हुए उनके तबादले पर नाराजगी जताई। कई जगहों पर ज्ञापन भी सौंपे गए हैं और पुराने डॉक्टरों को बनाए रखने की मांग की जा रही है।
निष्कर्ष
प्रदेश में हुए इस बड़े तबादले से स्वास्थ्य विभाग में एक नई प्रशासनिक हलचल शुरू हुई है। सरकार का इरादा साफ है—बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और निष्पक्ष व्यवस्था। अब देखना होगा कि यह फैसला जमीन पर कितना कारगर साबित होता है और डॉक्टरों की नई तैनाती किस तरह से मरीजों के हित में परिणाम देती है।
