यमुना एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा
तेज रफ्तार और लापरवाही बनी काल, यमुना एक्सप्रेसवे पर ट्रक से टकराई कार; मौके पर मची चीख-पुकार, मृतकों में एक ही परिवार के पांच सदस्य शामिल
यमुना एक्सप्रेसवे एक बार फिर दर्दनाक हादसे का गवाह बना। शुक्रवार सुबह तेज रफ्तार में दौड़ती एक कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा टकराई, जिससे कार के परखच्चे उड़ गए। इस भयानक टक्कर में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मरने वालों में एक ही परिवार के पांच सदस्य शामिल हैं। हादसा इतना भीषण था कि कार के पुर्जे कई मीटर तक बिखर गए और शवों की हालत पहचान से बाहर हो गई।
यह हादसा मथुरा जिले के पास माइलस्टोन 121 पर हुआ। सुबह करीब 5:30 बजे ग्रेटर नोएडा से आगरा की ओर जा रही एक इनोवा कार अचानक नियंत्रण खो बैठी और सड़क किनारे खड़े एक कंटेनर ट्रक में पीछे से घुस गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से ट्रक में धंस गया और उसमें सवार लोग फंस गए।
सूचना मिलते ही यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की एंबुलेंस, पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। गैस कटर की मदद से क्षतिग्रस्त कार को काटकर शवों को बाहर निकाला गया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार तेज रफ्तार में थी और ड्राइवर को शायद नींद की झपकी आ गई थी। वहीं, खड़ा ट्रक बिना इंडिकेटर और पार्किंग लाइट के खड़ा था, जिससे रात के अंधेरे में उसे देख पाना मुश्किल था। ट्रक चालक मौके से फरार बताया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) देहात त्रिभुवन सिंह ने बताया, “हादसे में छह लोगों की मौत हुई है, जिनमें चार पुरुष, एक महिला और एक बच्चा शामिल है। प्रारंभिक जांच से प्रतीत होता है कि तेज रफ्तार और ट्रक की गलत पार्किंग दोनों ही हादसे के जिम्मेदार हैं। ट्रक ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश की जा रही है।”
मृतकों की पहचान कानपुर निवासी रमेश चंद्र, उनकी पत्नी मीना देवी, बेटा आकाश, बहू नेहा और पोता कृष्णा के रूप में हुई है। सभी लोग पारिवारिक समारोह में शामिल होने आगरा जा रहे थे। एक अन्य मृतक की पहचान अभी नहीं हो सकी है।
इस हादसे ने एक बार फिर यमुना एक्सप्रेसवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह एक्सप्रेसवे कई बार ऐसे जानलेवा हादसों का गवाह बन चुका है, जहां तेज रफ्तार और नियमों की अनदेखी के कारण सैकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर ट्रकों की अनियमित पार्किंग और रात्रिकालीन निगरानी की कमी बड़ी समस्या है। साथ ही वाहन चालकों को भी रफ्तार के नियमों का पालन करने और नींद में वाहन न चलाने की सख्त जरूरत है।
यूपी सरकार और YEIDA कई बार सुरक्षा उपायों की घोषणा कर चुकी है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका क्रियान्वयन अब भी सवालों के घेरे में है। मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, और घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
इस दर्दनाक हादसे ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया बल्कि फिर से यह चेताया है कि सड़कों पर लापरवाही की कीमत जान देकर चुकानी पड़ती है। जरूरत है सख्त कानूनों, तकनीकी निगरानी और सार्वजनिक जागरूकता की, ताकि यमुना एक्सप्रेसवे और देश की अन्य सड़कों को और सुरक्षित बनाया जा सके
